सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का किया विरोध

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्यशाला में होटल व्यवसायियों को अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की जानकारी दी गई। होटल कारोबारियों ने बीस से अधिक कमरों वाले होटल, धर्मशाला एवं आश्रमों को सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए बाध्य किए जाने पर नाराजगी जताई। पर्यटन विभाग की ओर से कलक्ट्रेट ऑडिटोरियम में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी राकेश कंडारी ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार सभी होटल कारोबारियों को प्रदूषण बोर्ड के अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए 31 मार्च तक आवेदन करना है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देशानुसार बीस से अधिक कमरों वाले होटल, धर्मशाला एवं आश्रमों को सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाना होगा।
चारधाम यात्रा मार्ग पर सिर्फ दो माह ही यात्री आते हैं, और महीने तो कारोबार ठप ही रहता है। ऐसे में कारोबारियों को बिजली, पानी आदि के व्यवसायिक बिल चुकाना भी भारी पड़ता है। इस मौके पर सीडीओ पीसी डंडरियाल, पर्यटन अधिकारी प्रकाश खत्री, महाप्रबंधक उद्योग उत्तम तिवारी, रविंद्र पुंडीर, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा, प्रकाश भद्री, राजेंद्र पंवार, उत्तम गुसाईं, शूरवीर चौहान, आशीष कुड़ियाल, धनपाल पंवार, अजय पुरी, विजयपाल मखलोगा आदि मौजूद रहे।